सच में आज तुम्हारी बहुत याद आई... शाम को अपने दोस्त को अपनी प्रेमिका से बात करते हुए सुना तो मुझे बहुत अजीब लगा मैंने अपने आप को बहुत अकेला महसूस किया.. और मै न जाने तुम्हारी किन यादों में खो सा गया जो सिर्फ यादें बनकर ही रह गयी... मै पागल था शायद नहीं जनता था प्यार क्या होता , या फिर तुम न जानती थी... तुमने उस दिन कहा तो था तुमने मुझे सिर्फ एक दोस्त ही माना था ./ और मै....?
तुम कुछ पल प्यार से बात कर लेती थी मै तो बस उसे ही प्यार समझ बैठा था ..न जाने कितने ही लोगो से कहा फिरता था की वो भी मुझे चाहती है.. पर असलियत से अन्जान था,,, और फिर एक दिन वो भी आया जब तुमने मुझसे कहा था - जरा अपनी लिमिट में रहा करो.. भूल जाओ सब कुछ ... मै अपनी शाम की कोचिंग छोड़ न जाने कितना रोया था अजनबी राहों पर.. बहुत मजबूर हो रात घर गया था... उस रात चाँद कुछ खामोश था ...मै अपनी छत पर जाकर अकेला ही बैठा था कुछ देर और याद करता रहा था तुम्हे , सिर्फ मै जनता था कितना तडपा था तुम्हारे लिए पर तुमने तो अपना फैसला सुना दिया था ..
मैंने फैसला किया था भूल जाऊंगा तुम्हे , शाम को छत पर भी नहीं जाऊंगा , पर शायद खुद से ही झूठे वादे कर रहा था , तुम तो गुमनामियों के अँधेरे में न जाने कहाँ खो गयी पेर मै आज भी वहीँ रुका हूँ .. सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे इंतजार में....
खुबसूरत यादों के सहारे आगे बढती जिन्दगी पर तन्हाइयों से निबाह मुश्किल है दोस्त | जिंदगी सिर्फ यही तक तो नहीं | आगे बड़ते रहो | सुन्दर एहसास भरा लेख |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रेरक प्रकरण| धन्यवाद|
ReplyDeleteavinash ji
ReplyDeleteaksar kisi -kisi ke saath aisa hi ho jaata hai jab ham kisi ki muskurahat ko uska pyaar samajh baithte hain .par aisa bhi hoga jab unhe apni galti ka pachhtava hota hai .aur vo lout kar aayenge jarur.
bahut bahut achhi rachna
badhai
poonam
सुन्दर एहसास !
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी का...
ReplyDeletebahut sunder ahsas.........mere blog pe aane aur itne sunder coments dene ke lye bahut bahut shukriya..........
ReplyDeleteसुन्दर एहसास भरा लेख अविनाश जी
ReplyDeleteavinash bhai man ki pida darsata sunder lekh
ReplyDeletebahut sukriya jo apne aap ko yaha share kiya
ReplyDeletehttp://unluckyblackstar.blogspot.com/2011/03/blog-post_22.html
ReplyDeleteबेहद कशिश है आपके लेख में.
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteइसी तरह अपने विचार प्रकट करें
धन्यवाद
कुछ यादें कभी साथ नहीं छोड़तीं ....... अच्छे से पिरोया है मनोभावों को....
ReplyDeletehmm...happens !
ReplyDeletebhai, aapke aalekhne dil ke andar se bhigo diya..........
ReplyDeleteits too great!!!!
बहुत सुन्दर क्या बात है !! लेकिन इससे भी आगे जहां और भी है
ReplyDeleteओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना
यह राह यह बात कहीं भूल ना जाना
बहुत सुन्दर क्या बात है !! लेकिन इससे भी आगे जहां और भी है !
ReplyDeleteओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना
यह राह यह बाट कहीं भूल ना जाना ! !
BAHUT BAHU SHUKRIYA AAP SABHI KA....
ReplyDeleteमार्मिक भावों की प्रभावी अभिव्यक्ति .......
ReplyDeletemai pahle comment minakshi ji ke comment se sahmat hu dost bahut sundar likha hai kishoro ki asli vaytha
ReplyDeletekya likhu comment me samjh nhi aaraha...achhi rachna hai ye likhu ya bahut dard dikh raha hai ye likhu...main chahe kuchh likhu ya na likhu magar such to yahi hai ki ye to aap hi samajhte honge ki ye kya hai...kaisa hai?lajabab
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