Monday 2 May 2011

तुम्हारी बहुत याद आई...

सच में आज तुम्हारी बहुत याद आई... शाम को अपने दोस्त को अपनी प्रेमिका से बात करते हुए सुना तो मुझे बहुत अजीब लगा मैंने अपने आप को बहुत अकेला  महसूस   किया.. और मै न जाने तुम्हारी किन यादों में खो सा गया जो सिर्फ यादें बनकर ही रह गयी... मै पागल था शायद नहीं जनता था प्यार क्या होता , या फिर तुम न जानती थी... तुमने उस दिन कहा तो था तुमने मुझे सिर्फ एक दोस्त ही  माना  था ./ और मै....?
           तुम कुछ पल प्यार से बात कर लेती थी मै तो बस उसे ही प्यार समझ बैठा था ..न जाने कितने ही लोगो से कहा फिरता था की वो भी मुझे चाहती है.. पर  असलियत से अन्जान था,,, और फिर एक दिन वो भी आया जब तुमने मुझसे कहा था - जरा अपनी लिमिट में रहा करो.. भूल जाओ सब कुछ ... मै अपनी शाम की कोचिंग छोड़ न जाने कितना रोया था अजनबी राहों पर.. बहुत मजबूर हो  रात घर गया था... उस रात चाँद कुछ खामोश   था ...मै अपनी छत पर जाकर अकेला ही बैठा  था कुछ देर   और याद करता रहा था तुम्हे ,  सिर्फ मै जनता था कितना तडपा था तुम्हारे लिए पर तुमने तो अपना फैसला सुना दिया था ..
मैंने फैसला किया था भूल जाऊंगा तुम्हे , शाम को छत पर भी नहीं जाऊंगा , पर शायद खुद से ही झूठे वादे  कर रहा था , तुम तो गुमनामियों के अँधेरे में न जाने कहाँ खो गयी पेर मै आज भी वहीँ रुका हूँ .. सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे इंतजार में....

21 comments:

  1. खुबसूरत यादों के सहारे आगे बढती जिन्दगी पर तन्हाइयों से निबाह मुश्किल है दोस्त | जिंदगी सिर्फ यही तक तो नहीं | आगे बड़ते रहो | सुन्दर एहसास भरा लेख |

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  2. बहुत सुन्दर प्रेरक प्रकरण| धन्यवाद|

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  3. avinash ji
    aksar kisi -kisi ke saath aisa hi ho jaata hai jab ham kisi ki muskurahat ko uska pyaar samajh baithte hain .par aisa bhi hoga jab unhe apni galti ka pachhtava hota hai .aur vo lout kar aayenge jarur.
    bahut bahut achhi rachna
    badhai
    poonam

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  4. बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी का...

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  5. bahut sunder ahsas.........mere blog pe aane aur itne sunder coments dene ke lye bahut bahut shukriya..........

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  6. सुन्दर एहसास भरा लेख अविनाश जी

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  7. avinash bhai man ki pida darsata sunder lekh

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  8. bahut sukriya jo apne aap ko yaha share kiya

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  9. http://unluckyblackstar.blogspot.com/2011/03/blog-post_22.html

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  10. बेहद कशिश है आपके लेख में.

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  11. आप सभी का बहुत बहुत आभार

    इसी तरह अपने विचार प्रकट करें

    धन्यवाद

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  12. कुछ यादें कभी साथ नहीं छोड़तीं ....... अच्छे से पिरोया है मनोभावों को....

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  13. bhai, aapke aalekhne dil ke andar se bhigo diya..........

    its too great!!!!

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  14. बहुत सुन्दर क्या बात है !! लेकिन इससे भी आगे जहां और भी है
    ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना
    यह राह यह बात कहीं भूल ना जाना

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  15. बहुत सुन्दर क्या बात है !! लेकिन इससे भी आगे जहां और भी है !
    ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना
    यह राह यह बाट कहीं भूल ना जाना ! !

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  16. मार्मिक भावों की प्रभावी अभिव्यक्ति .......

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  17. mai pahle comment minakshi ji ke comment se sahmat hu dost bahut sundar likha hai kishoro ki asli vaytha

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  18. kya likhu comment me samjh nhi aaraha...achhi rachna hai ye likhu ya bahut dard dikh raha hai ye likhu...main chahe kuchh likhu ya na likhu magar such to yahi hai ki ye to aap hi samajhte honge ki ye kya hai...kaisa hai?lajabab

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